मात्रभूमि
रचना: हिंदी भाषा शिक्षक मंच सिद्दापुर, शिरसी शैक्षिक जिला
एक अंक के प्रश्नोत्तर
उत्तर: मात्रभूमि कविता में कवी को देशप्रेम की झलक दिखायी देती है।
उत्तर: मात्रभूमि कविता में कवी भारत कॆ महान विभूतियों (गांधी, बुद्ध, राम) का स्मरण करते हैं ।
उत्तर: भारत माता मुक्त हस्त से सुख संपत्ती, धन-धाम बाँट रही है।
उत्तर: मात्रभूमि कविता से भारत की महानता का परिचय प्राप्त होता है।
उत्तर: भारत माता अमरों की जननी है।
उत्तर: गांधी, बुद्ध और राम मात्रभूमी के ह्रदय ( उर ) में सोये हुए हैं।
दीर्घोत्तर के प्रश्न
उत्तर: भारत माता अमरों की जननी हैं । भारत में कई महान पुरुष जन्म लिए है, जो अपने महान कार्यों से आज भी अमर हैं । कवि कहते है कि गांधी, बुद्ध और राम जैसे महान पुरुष भारत के लोगों के ह्रदय में , स्मरण में रहकर आज भी अमर हैं ।
उत्तर: कवि भगवतीचरण वर्मा जी मात्रभूमी के प्रक्रती सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहते है, भारत माता कॆ खेत हरे-भरे सुहाने है । भारतमाता के वन और उपवन फल-फूलों से भरा हुआ है । भारत भूमि के अंदर खनिजॊं का अपार संपत्ती भरा हुआ है । भारतमाता संपत्ती को उदारता से बांट रही है ।मात्रभूमी सुख- संपत्ती का धाम है । मात्रभूमी कॆ एक हाथ में न्याय पताका , दूसरे हाथ में ज्नान दीप है ।
उत्तर: कवि भगवतीचरण वर्मा जी मात्रभूमी के स्वरूप को दर्शाते हुए कहते है , कि मात्रभूमी के एक हाथ में न्याय पताका है । दूसरे हाथ में ज्नान दीप है । भारत मॆं न्याय होता है और भारतवासी सभी ज्नानवान है । कोटी – कोटी भारतवासी मात्रभूमी के साथ है, इससे मात्रभूमी जग को बदलने की शक्ती रकती है । मात्रभूमी के सकल नगर और ग्राम में जय हिंद का नाद गूंजना चाहिए ।भारत माता कॆ खेत हरे-भरे सुहाने है । भारतमाता के वन और उपवन फल-फूलों से भरा हुआ है ।