कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
ರಚನೆ: हिंदी भाषा शिक्षक मंच सिद्दापुर, शिरसी शैक्षिक जिला
एक अंक के प्रश्नोत्तर
उत्तर: लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।
उत्तर: कोशिश करनेवालों' की हार नहीं होती है ।
उत्तर : चींटी दाना लेकर चलती है ।
उत्तर : चींटी दीवार पर चढ़ती है।
उत्तर : कोशिश करनेवालों की मेहनत बेकार नहीं होती।
उत्तर : गोताखोर सागर में डुबकियाँ लगाता है ।
उत्तर : मोती सागर के गहरे पानी में मिलता है।
उत्तर : कोशिश करने वालों की मुट्ठी खाली नहीं होती है।
उत्तर : संघर्ष का मैदान छोड़कर भागना नहीं चाहिए ।
उत्तर : कुछ किये बिना ही जय – जयकार नहीं होती है।
दो अंकवाले प्रश्नोत्तर
उत्तर: कवि सोहनलाल द्विवेदी चींटी के बारे में कहते हैं कि नन्हीं चींटी दाना ले जाने के समय दीवारों पर सौ बार चढ़कर सौ बार पिसलती है । मन का विश्वास रगों में साहस भरता है । चढ़कर गिरता है और गिरकर चढ़ने के लिए डरता नहीं है । अंत में चींटी की मेहनत बेकार नहीं होती है।
उत्तर: गोताखोर के बारे में कवि कहते हैं कि, गोताखोर सागर में डुबकियाँ लगातार लगाकर खाली हाथ वापस लौटकर आता है । सहज पानी में मोती नहीं मिलते है, उसके लिए गहरे पानी में जाना पडता है । इससे उसका उत्साह दुगना बढता रहता है । अंत में उसका हाथ खाली नहीं रहता है।
उत्तर : असफलता से सफलता की ओर जाने के बारे में कवि संदेश देते हुए कहते है कि, असफलता एक चुनौती है, हमें इसे स्वीकार करना चाहिए। असफलता क्यों हो रही है, इसे पहचानकर गलतियों को सुधारना चाहिए। जब तक हम हमारे काम में सफल नहीं होते तब तक नींद और चैन को त्याग देना चाहिए । संघर्ष का मैदान छोड़कर हमें भागना नहीं चाहिए। हम कुछ किये बिना हमारा जय-जयकार नहीं होती है।
चार अंकवाले प्रश्नोत्तर
उत्तर: कवि सोहनलाल द्विवेदी चींटी के बारे में बताते हुए कहते है कि, नन्हीं चींटी दाना ले जाने के समय दीवारों पर सौ बार चढ़कर सौ बार पिसलती है । मन का विश्वास रगों में साहस भरता है । चढ़कर गिरता है और गिरकर चढ़ने के लिए डरता नहीं है । अंत में चींटी का मेहनत बेकार नहीं होती है । कोशिश करनेवालों की कभी भी हार नहीं होती हैं।